3 किलोमीटर लंबी यात्रा में हुआ भव्य स्वागत, मातृशक्ति व युवा वर्ग में रहा अपूर्व उत्साह
नागौर // जिला मुख्यालय पर दूसरी कावड़ यात्रा भव्य ऐतिहासिक रही। धार्मिक उत्सव आयोजन समिति के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यक्रम में सर्व समाज व स्वयंसेवी संगठनों के सक्रिय सहयोग व सहभागिता के साथ-साथ मातृशक्ति व युवा वर्ग में यात्रा के प्रति अपार उत्साह रहा। जहां एक तरफ बालकों ने उत्साह के साथ इसमें सहभागिता दी वहीं युवा वर्ग व मातृ शक्ति ने परंपरागत परिधान धारणकर शोभायात्रा को भव्य बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। विभिन्न व्यापारिक, सामाजिक व स्वयंसेवी संगठनों ने जहां शोभायात्रा का उत्साह से स्वागत किया वहीं अपनी ओर से विभिन्न व्यवस्थाओं में आर्थिक सहयोग भी प्रदान किया।
इस अवसर पर संत मुरलीराम महाराज ने ऐसे आयोजन की सार्थकता पर प्रकाश डालते हुए प्रतिवर्ष श्रावण मास के अंतिम रविवार को इस कावड़ शोभा यात्रा के आयोजन का आग्रह किया। कार्यक्रम में संत जानकी दास महाराज, सर्वेश्वर महाराज तथा वेंकटेश्चर्य महाराज, संत भागीरथ राम शास्त्री व साध्वी सुखी भाई का भी पावन सान्निध्य प्राप्त हुआ। कार्यक्रम संयोजक लोकेश टाक ने सर्व समाज व स्वयंसेवी संगठनों का आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन मनीष शर्मा ने किया। लायंस क्लब द्वारा सरदारों के लिए अल्पाहार की व्यवस्था की गई।
इन्होंने रखे विचार
कार्यक्रम में सामाजिक कार्यकर्ता सूरजमल भाटी ने अपने संबोधन में कहा कि ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन से समाज की सज्जन शक्ति का जागरण करना व उनमें संगठन होता है। समाज के जागरण से सिंह समान शक्ति का भाव जागरण होता है। देश व धर्म के प्रति गौरव का भाव ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन का उद्देश्य है। जिस प्रकार से पवन पुत्र हनुमान अपने बल को भूल गए तो ऋषि जामवंत द्वारा उनको उनकी शक्ति का भान करवाया गया। अपने समाज में भी संत शक्ति का यही उद्देश्य है कि हिंदू समाज जागे और अपना श्रेष्ठ कार्यों के लिए संगठन बनाएं और अपनी शक्ति को सद्कार्यों में लगाए। यही ऐसे कार्यक्रमों की सार्थकता है। उन्होंने सर्व समाज को ऐसे सभी कार्यक्रमों में सामाजिक समरसता व सद्भाव से कार्य करने का निवेदन किया।
सेल्फी प्वाइंट रहा आकर्षण का केंद्र
सेल्फी प्वाइंट बड़ा आकर्षण का केंद्र
इस अवसर पर शक्कर तालाब के पश्चिमी घाट पर बनाया गया सेल्फी प्वाइंट आकर्षण का केंद्र रहा। इस ऐतिहासिक कावड़ यात्रा के संबंध में जानकारी देते हुए यह सेल्फी प्वाइंट बनाया गया जिसमें कावड़ यात्रियों द्वारा अपने कावङ व जलाभिषेक के निमित्त कलश लेकर इस सेल्फी पॉइंट में सेल्फी या अन्य के माध्यम से फोटो ली गई। इस सेल्फी प्वाइंट के लिए मातृशक्ति व युवाओं में विशेष उत्साह देखा गया।
झांकियों ने मन मोहा
कावड़ शोभा यात्रा के शनेश्वर मंदिर शिवबाड़ी में पहुंचने पर सभा हुई जिसमें भजनों पर नृत्य प्रस्तुत किए गए। शिव परिवार, शिव बारात आदि झांकियों के माध्यम से कलाकारों ने अपनी अपनी प्रतिभाओं का परिचय दिया। साहित्य कला धर्म संस्कृति समिति के कलाकारों के साथ-साथ दिल्ली से आए कलाकारों ने विशाल बजरंगी व विशाल शिव झांकी के माध्यम से अपने कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। श्रद्धानंद तिवारी व वसुंधरा तिवारी के मार्गदर्शन में नागौर के कलाकारों ने छोटो सो बांदर हठ कर ग्यो, सवामणी रा लाडू चट कर ग्यो तथा डम डम डमरू रे बाजे आदि शीर्षक भजनों पर सुंदर नृत्य की प्रस्तुति दी।
इससे पूर्व शक्कर तालाब में पंडित सुशील दाधीच के मार्गदर्शन में वरुण देवता सहित अन्य देवों के साथ-साथ प्रकृति की पूजा अर्चना की गई। इस अवसर पर संत जानकीदास महाराज, संत भागीरथ राम शास्त्री व साध्वी सुखी बाई सहित अन्य संत शक्ति के पावन सान्निध्य में पूजा अर्चना की गई। इस अवसर पर सुगनचंद गहलोत, रामनिवास टाक, सुरेश सोलंकी, बालकिशन भाटी, जगदीश, हुक्मीचंद टाक व उम्मेदराज शर्मा सहित आयोजन समिति के अनेक सदस्य व कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
कावड़ बनाने में मातृशक्ति व युवा लगे रहे रात भर
इस भव्य शोभायात्रा को संपन्न बनाने के लिए कावड़ सामग्री तैयार करना सबसे बड़ी चुनौती रही। इस कार्य के लिए बीड़ा उठाया चेनार गांव के विभिन्न मौहल्लों की मातृशक्ति व युवा कार्यकर्ताओं ने। शक्कर तालाब के किनारे बने स्थान पर रात भर इन युवा कार्यकर्ताओं व महिलाओं ने कावड़ सामग्री को तैयार करने में मेहनत लगाई। इससे पूर्व भी चेनार गांव के विभिन्न मौहल्लों की मातृ शक्ति ने चार दिन तक विभिन्न मंदिरों में भजन गाते हुए इस कावड़ को तैयार करने में श्रद्धा व समर्पण भावना का परिचय दिया।
शनेश्वर महादेव शिवबाड़ी में भगवान का शिव का जलाभिषेक करने के लिए हरिद्वार से मां गंगा,अयोध्या से सरयू नदी के साथ-साथ पवित्र पुष्कर का जल भी इसमें श्रद्धालुओं को उपलब्ध करवाया गया।