बीकानेर : मिला-जुला रहा बंद का असर, परकोटे में खुले रहे बाजार जबकि बाहरी एरिया में समर्थकों के झुंड आए नजर

प्रशासन

एसपी व कलेक्टर ने लिया सिटी राउंड, चप्पे पर तैनात रहा पुलिस जाप्ता

बीकानेर // सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरक्षण में क्रिमीलेयर प्रावधान रखने के सुझाव के खिलाफ आज आरक्षण समर्थक अनेक संगठनों ने भारत बंद के तहत बीकानेर में भी बंद का आह्वान किया था। इसका यहां मिला-जुला असर देखने को मिला। जहां बाहरी एरिया यथा स्टेशन रोड, केईएम रोड, कोटगेट, जेल रोड व रानी बाजार आदि इलाकों में बंद का व्यापक असर देखा गया और सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। वहीं शहर के परकोटे के भीतरी भागों में पर्व को देखते हुए हमेशा की तरह दुकान व बाजार खुले नजर आए।
जिला कलेक्टर ने न्यूसेंस की आशंका के मद्देनजर पहले से ही स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया था। इस कारण सुबह से ही मुख्य मार्ग पर सड़के वीरान रही। ऐसे में सुबह सुबह तो सड़कों पर भीड़-भाड़ कम ही रही, लेकिन धीरे-धीरे चहल-पहल शुरू हो गई।

कोटगेट के बाहरी क्षेत्र में जहां बाजार अब तक लगभग बंद है। वहीं भीतरी परकोटे में आज धमोळी पर्व के चलते मिठाई-नमकीन, किराने, जनरल आइटमों, मेडिकल की दुकानें सुबह से ही खुली है। भीतरी परकोटे में बंद का खास असर नहीं है। वहीं पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैदी के साथ निगरानी कर रहा है। पुलिस अधीक्षक सुबह से ही अवलोकन कर रही है। शहर में कोटगेट, केईएम रोड, स्टेशन रोड, लाभुजी कटला, खजांची मार्केट सहित बाजार अभी खबर लिखे जाने तक बंद है।

बंद समर्थकों के झुंड आये नजर

बंद के समर्थकों के अनेक झुंड शहर के मुख्य मार्गों पर नजर आए इस दौरान बंद समर्थन है आरक्षण के पक्ष में जमकर नारेबाजी की। नारेबाजी करते हुए सड़कों पर घूमते नजर आए। कोटगेट पर बंद समर्थकों की भीड़ रही, तो पुलिस का भारी लवाजमा भी तैनात रहा। जिला कलेक्टर नमृता वृष्णि और एसपी तेजस्वनी गौतम कोटगेट पहुंचे। इस दौरान वहां आंदोलनकारी भी पहुंच गए। आला अधिकारियों को देखने के बाद नारेबाजी करने लगे। किसी भी तरह की चूक नहीं रहे, इसके लिए पुलिस ने बंदोबस्त कर रखें हैं। लगातार निगरानी की जा रही है। समाचार लेकर जाने तक शहर में शांति व्यवस्था का माहौल था। प्रशासन ने कल ही बंद को लेकर आपसी सौहार्द बनाए रखने की अपील की थी जिसका असर भी दिखाई दिया।

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की दलील के बाद रख दिया था अपना पक्ष

इस बार बंद का मिला जुला असर देखने के पीछे सबसे बड़ा कारण यह भी है कि जब सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण में क्रिमी लेयर के प्रावधान लागू करने का सुझाव दिया था। उसके तुरंत बाद केंद्र सरकार ने लोकसभा में बाकायदा यह घोषणा कर दी थी कि वह फिलहाल क्रीमीलेयर के प्रावधान लागू नहीं कर रही है। वह आरक्षण को यथावत रखना चाहती है। सरकार के इस पक्ष के बाद के कारण ही बंद का मिला-जुला असर देखने को मिला है। हालांकि अजा जज़ा के कुछ संगठन शुरू से ही बंद के खिलाफ रहे है।