वन्यजीव सप्ताह और CWC-2024 का हुआ शुभारंभ
बीकानेर // पर्यावरण विज्ञान विभाग, महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालयए बीकानेर, राज ऋषि गवर्नमेंट ऑटोनॉमस कॉलेज अलवर, राजस्थान वेटरिनरी एंड एनिमल साइंस विश्वविद्यालय बीकानेर, स्टेट फॉरेस्ट एंड वाइल्डलाइफ डिपार्मेंट, गवर्नमेंट ऑफ़ राजस्थान व बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के संयुक्त प्रावधान में 1 से 7 अक्टूबरए 2024 तक वन्य जीव सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। इस सात दिवसीय कार्यक्रम में ऑनलाइन/ ऑफलाइन मोड से दो दर्जन से ज्यादा अतिथि व्याख्यानों का आयोजन किया गया । वन्यजीव गणना, शोध के आयाम, वन्यजीव रेस्क्यू ट्रेनिंग भी दी जाएगी। एक सप्ताह तक आयोजित कार्यक्रम में प्रतिदिन रंगोली, पोस्टर, वाद विवाद, लेखन और वन्य जीव छायांकन की प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाएगा। इस अंतरराष्ट्रीय आयोजन में अमेरिका, तंजानिया, नाइजीरिया, नेपाल, बांग्लादेश, फिलिपिंस, पाकिस्तान, मलेशिया, आदि देशों सहित कुल 1200 से ज्यादा प्रतिभागियों ने इसमें रजिस्ट्रेशन करवाया है।
आज इस वन्य जीव सप्ताह के मुख्य अतिथि माननीय कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित द्वारा सरस्वती माॅँ के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर समारोह का उद्घाटन किया गया। उन्होेने अपने उद्बोधन में पर्यावरण संरक्षण के जमीन से जुड़े पहलुओ के बारे में बताया और कहा कि आज के युवा वर्ग को पर्यावरण संरक्षण में योगदान करना चाहिए। पर्यावरण विभागाध्यक्ष प्रो. अनिल कुमार छंगाणी ने वन्यजीव सप्ताह के अन्तर्गत होने वाली गतिविधियों की जानकारी दी। राजूवास के शोध निर्देशक प्रो. हेमन्त दाधीच ने वन्यजीव संरक्षण को अत्यन्त महत्वपूर्ण बताते हुए जानकारी साझा की। डाॅ. प्रताप सिंह कटारिया विभागाध्यक्ष डूंगर काॅलेज ने जल और वन को बचाना अत्यन्त महत्वपूर्ण बताया जिससे वन्य जीव का भी संरक्षण हो। समारोह में वन्यजीव सप्ताह के विवरणिका का अनावरण किया गया तथा राजऋषि महाविद्यालय,अलवर द्वारा प्रकाशित तीन पुस्तकों का अनावरण किया गया। जिनका सम्पादन डाॅ. ममता शर्मा द्वारा किया गया हेैं। रंगोली प्रतियोगिता की प्रभारी डां लीला कौर ने उद्घाटन पश्चात रंगोली प्रतियोगिता आयोजित करवाई।
ये रहे मौजूद
कार्यक्रम में प्रो.राजाराम चोयल, डाॅ. मेघना शर्मा, डाॅ. सीमा शर्मा, डाॅ. प्रगति सोबती, डाॅ. संतोष कंवर शेखावत, डाॅ. गौतम मेघवंशी, डाॅ. धर्मेश हरवानी, डाॅ. अभिषेक वशिष्ठ, डाॅ. ज्योति लखाणी, श्री फौजा सिंह श्री अमरेश कुमार सिंह, श्री मानकेशव सैनी, शोध विद्यार्थी एवं तकनीकी विशेषज्ञ मोनेश मेहरा उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अन्त में डाॅ. अनिल कुमार दुलार द्वारा सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया गया।