घोष की लय ताल के साथ निकला लक्ष्मीनाथ बस्ती का पथ संचलन

समाज

जगह-जगह हुई पुष्प वर्षा

बीकानेर// राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष में इस बार विजयदशमी के मौके पर विभिन्न बस्तियों में पथ संचलन आयोजित हो रहे हैं। इसी कड़ी में शनिवार को आरएसएस के लक्ष्मीनाथ नगर की लक्ष्मी नाथ बस्ती की तरफ से पथ संचलन का आयोजन हुआ। सुबह 8 बजे लक्ष्मी नाथ मंदिर परिसर में बस्ती के स्वयंसेवकों की संपत हुई। प्रातः 9 बजे घोष वादन के साथ पथ संचलन शुरू हुआ जो शीतला गेट के अंदर से दर्जियों की बड़ी गुवाड़ से शीतला गेट, सुथारों की गुवाड़, आचार्यों की घाटी, आचार्यो का चौक, सिटी डाकघर, बड़ा बाजार, घूमचक्कर से लक्ष्मीनाथ मंदिर पहुंचा। इस दौरान स्वयंसेवकों सधे कदमो से घोष की ताल पर संचलन किया।

इससे पहले पथ संचलन पर जगह-जगह स्वयंसेवकों पर पुष्प वर्षा भी की गई। आचार्य का चौक, सुथारों की बड़ी गुवाड़, उस्ता की बारी के बाहर व शीतला गेट के बाहर भी लोगों ने पथ संचलन पर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया।

समरसता, पर्यावरण व कुटुंब व नागरिक कर्तव्य पर दिया पाथेय

पथ संचालन से पूर्व राष्ट्रीय स्वयंसेवक के वरिष्ठ कार्यकर्ता गोमाराम जी ने पांच विषयों पर पाथेय दिया। इस दौरान उन्होंने पर्यावरण, सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन व नागरिक कर्तव्य को परिभाषित करते हुए कहा कि यदि हमें अच्छा नागरिक बनना है तो हमें समाज में सामाजिक समरसता रखनी होगी। छुआछूत को दूर करना होगा। आपसी भेदभाव भुलाकर सौहार्दपूर्ण वातावरण में हिंदू समाज को संगठित करना होगा। उन्होंने स्वयंसेवकों से आग्रह किया कि वह कुटुंब प्रबंधन पर भी फोकस करें। उन्होंने समझाया कि परिवार एकजुट होगा तो समाज एकजुट होगा और समाज एकजुट होगा तो फिर हमारा राष्ट्र भी एकजुट होगा। उन्होंने एकजुटता बनाए रखने की अपील भी की । उन्होंने पर्यावरण संरक्षण पर भी अपने विचार रखें। उन्होंने समझाया कि पृथ्वी का पर्यावरण संतुलन दिनों दिन बिगड़ जा रहा है। यदि हमें पेड़ पौधे नहीं लगाये तो आने वाली पीढ़ी को बड़ी मुश्किल पैदा होगी। इस अवसर पर लक्ष्मीनाथ नगर के महानगर संघ चालक ब्रह्मदत्त आचार्य ने सभी स्वयंसेवकों को बस्ती के रूट की विस्तार से जानकारी दी तथा आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने स्वयंसेवकों को अनुशासित तरीके से पथ संचलन में हिस्सा लेने का आग्रह किया। यह अवसर पर विनोद सेन, कैलाशपति आचार्य, कमल आचार्य, किशोर आचार्य पार्षद, सहित अनेक स्वयंसेवक मौजूद थे।