सनातन संस्कृति में नारी हित बलिदान पुण्य कारक- संत गोवर्धन दास महाराज

धर्म-कर्म

अमरपुरा में आठवां पाटोत्सव – श्रीमद् भागवत व नानी बाई का मायरा कथा का द्वितीय दिवस आयोजन

नागौर // संत शिरोमणि श्री लिखमीदास जी महाराज स्मारक विकास संस्थान, अमरपुरा नागौर के तत्वावधान में श्रीमद् भागवत कथा व नानी बाई का मायरा का द्वितीय दिवस का आयोजन जारी रहा। भव्य स्मारक व देव मंदिर के लोकार्पण के आठवें पाटोत्सव के अवसर पर प्रितमदास महाराज का रामद्वारा, मेड़ता रोड के रामस्नेही संत गोवर्धन दास महाराज के मुखारविंद से कथा श्रवण का लाभ श्रद्धालुओं द्वारा लिया गया। कथा के द्वितीय दिवस के प्रसंग में संत ने अपने श्रीमुख से रामायण व महाभारत ग्रंथ का उदाहरण देते हुए दोनों युगों के वातावरण का अंतर बताया। उन्होंने कहा कि मां सीता के अपहरण के समय आश्रम में कोई नहीं था लेकिन पक्षी जटायु ने रावण का वीरता पूर्वक सामना किया। हमारी सनातन संस्कृति बहुत ही उदात्त व श्रेष्ठ है। प्रत्येक प्राणी मात्र पर दया करना उसका वैशिष्ट्य है। चींटी को दाना व पक्षियों को चुग्गा डालना यहां की त्यागमयी व दयालु संस्कृति की विशेषता को ही बताता है। लेकिन जब धर्म व संस्कृति के ऊपर आंच आने लगती है तब एक सामान्य सनातनी को भी उसका प्रबलता से मुकाबला करना चाहिए। उन्होंने कहा कि धर्म व संस्कृति की रक्षा के लिए बलिदान धर्म विरुद्ध नहीं होता है बल्कि पुण्यकारक ही होता है। अबला व स्त्री के लिए अपने प्राणों का त्याग करना वाला व्यक्ति कभी भी नरक में नहीं जाता है क्योंकि उसकी मृत्यु स्वार्थ के लिए नहीं परमार्थ के लिए होती है। इससे पूर्व द्वितीय दिवस के यज्ञ विधि विधान में श्रीमती भगवती देवी व धर्मेंद्र सोलंकी द्वारा यजमान के रूप में मंत्रोच्चार के बीच यज्ञ में समिधा की आहुति दी गई।

नरसी भगत के बाल्यकाल के प्रसंगों का काव्यात्मक विवेचन किया

रात्रि में संतश्री ने नानीबाई के मायरा कथा में नरसी भगत के बाल्यकाल से संबंधित अनेक प्रेरणादायी प्रसंगों का काव्यात्मक व भजनों के माध्यम से विवेचन किया। उन्होंने कहा कि नवधा भक्ति में जो प्रकार है इसमें भक्त नरसीजी की भक्ति सबसे विलक्षण हैं। भक्त नरसीजी ने द्वारकाधीश पर अटूट विश्वास तथा पूर्ण तन्नमयता के साथ भक्ति करके अपने जीवन में 50 से अधिक बार श्रीकृष्ण के साक्षात दर्शन किए। इस अवसर पर भंवरलाल भाटी, सामाजिक कार्यकर्ता रुद्र कुमार शर्मा, हनुमान सिंह देवड़ा, मनोहर, संस्थान के महासचिव राधाकिशन तंवर, कृपाराम गहलोत, डॉ शंकर लाल परिहार, दौलत भाटी, दीपक गहलोत, मोहन सिंह भाटी, रामकुमार सोलंकी सहित अनेक गणमान्य नागरिकों द्वारा कथा श्रवण का लाभ लिया गया। सामाजिक कार्यकर्ता बालकिशन भाटी ने बताया कि पाटोत्सव में रविवार 1 दिसंबर को राजस्थान सरकार के मंत्री अविनाश गहलोत व अनेक शिक्षाविद् व जन प्रतिनिधियों के आतिथ्य में माली सैनी समाज का राज्य स्तरीय प्रतिभा सम्मान समारोह होगा जबकि 4 दिसंबर को अनेक प्रसिद्ध भजन गायकों द्वारा भव्य जागरण के माध्यम से श्रोता श्रद्धालुओं में भक्ति रस का संचार किया जाएगा। पाटोत्सव का समापन 5 दिसंबर को स्मारक व देव मंदिर शिखर पर ध्वजारोहण के साथ होगा।

बालेसर के बंधु भोजन प्रसाद पुण्य के बनेंगे लाभार्थी

इस आठ दिवसीय आयोजन में पांच खेड़ा बालेसर, जोधपुर के श्रद्धालु बंधुओं को भोजन प्रसादी व्यवस्था का पुण्य लाभ आयोजन समिति द्वारा प्रदान किया गया है। महंत रामरतन महाराज रामस्नेही, बालेसर की प्रेरणा से लगातार तीसरी बार इन गांवों के बंधु श्रद्धा व भक्ति भाव से श्रद्धालुओं के निमित्त भोजन प्रसादी व्यवस्था का प्रबंध करेंगे जबकि धनाराम पुखराज चतरसिंह सांखला सर्वोदय शिक्षण संस्थान, नागौर द्वारा प्रतिभाशाली विद्यार्थियों व सम्मानित समाज बंधुओं को प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिह्न प्रदान किए जाएंगे।

4 दिसंबर को होगा जागरण

इस पाटोत्सव में गुरुवार चार दिसंबर को भव्य जागरण का आयोजन होगा। मारवाड़ के विभिन्न स्थानों से मातृशक्ति सहित श्रद्धालुओं द्वारा इस जागरण में भजनों के श्रवण का लाभ प्राप्त किया गया। जागरण में प्रसिद्ध भजन गायकों द्वारा सामूहिक रूप से भजनों व संत लिखमीदासजी महाराज की वाणियों का गायन होगा। इसमें मारवाड़ माटी के प्रसिद्ध भजन गायक प्रकाश माली बालोतरा, रमेश माली पाली, खुशबू माली मारवाड़ जंक्शन, जगदीश माली समदड़ी, पिंकी गहलोत अजमेर, जबराराम माली, हर्ष माली, छगन माली, राजेश माली, नरेश माली, बालोतरा, प्रकाश माली गोयली मुंबई, दिनेश माली, रवि माली नागौर,
प्रेम माली कोटा, खुशाल माली धारणा, पूनम माली भीनमाल, शोभा माली जोधपुर,रामेश्वर माली सेवाड़ी सहित अनेक गायक सहभागी बनेंगे।