अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नंबर 7 ने सुनाया फैसला
बीकानेर // अपर सत्र न्यायाधीश संख्या सात की पीठासीन अधिकारी रेणु सिगला की अदालत ने करीब साढ़े आठ वर्ष पूर्व छात्र संघ चुनाव के दौरान शहर के जसोलाई पार्क के पास दाऊदयाल नामक युवक की हत्या के आरोपी दम्माणी चौक निवामी रविकांत जोशी को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास सहित 85000 रुपये के अर्थदंड से दण्डित किया है। आरोपी द्वारा अर्थ-दण्ड की राशि अदालत में जमा नहीं करवाने पर उसे 26 माह का अतिरिक्त कारावास भी भुगतना होगा।
प्रकरण के अनुसार परिवादी रमेश कुमार ने 19 अगस्त 2016 को पुलिस थाना नया शहर में रिपोर्ट देकर बताया कि उसका भतीजा दाऊदयाल जो कि बसिक कालेज का विद्यार्थी था। कॉलेज में छात्र संघ चुनाव को लेकर चुनाव प्रचार किया जा रहा था। वह ABVP के उम्मीदवार का समर्थन करता था। ABVP के सामने भतीजे दाऊदयाल से आरोपी रविकांत की चुनाव प्रचार के दौरान बोलचाल हो गई। आरोपी ने जाते हुए धमकी दी कि तुझे जान से मारे बगेर नहीं छोडेगे। शाम को करीब सात साढे सात बजे उसका भतीजा दाऊदयाल घर से चुनाव प्रचार के लिए निकला था। रात कर पौने आठ बजे के बीच में वह जसोलाई पार्क के पास जनेश्वर भवन जहा ABVP का कार्यालय है। उसके बाहर खड़ा था। तब एक पल्सर मोटरसाईकिल व एक अन्य मोटरसाईकिल पर आरोपी व उसके चार अन्य आए व उसके भतीजे को आरोपी के साथ आए अन्य व्यक्तियो ने पकड लिया। आरोपी रविकांत ने अपनी जेब से चाकू निकालकर हमला कर दिया। परिवादी का भतीजा चिल्लाया तब वछ अन्य लड़को ने दाऊदयाल को संभाला तब तक आरोपी व उसके साथी मोटरसाईकलो पर भाग गए। घायल दाऊदयाल को ट्रैक्सी में बैठाकर कोठारी अस्पताल ले गए। वहा पर डॉक्टरोने पीबीएम हॉस्पिटल ले जाने का कहा। ये लोग दाऊदयाल को पीबीएम अस्पताल लेकर गए। जहा पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
अदालत ने ये सुनाया निर्णय
अदालत में अभियोजन की ओर से 14 गवाहों के बयान कराए गए। कोर्ट ने पत्रावली का अवलोकन के बाद आरोपी को हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने निर्णय में कहा है कि अर्थ-दण्ड कि जमा राशि 85000 रुपये मृतक दाऊ दयाल के माता पिता को बाद गुजरने मियाद अपील क्षतिपूर्ति स्वरूप दी जाए। इसके अलावा पीडित प्रतिकर स्कीम के तहत पीडित पक्ष को यथोचित क्षतिपूर्ति राशि दिलवाए जाने कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को अनुशंषा कि गई। राज्य सरकार कि ओर से पैरखी अपर लोक अभियोजक जगदीश सेवग एवं परिवादी की ओर से पैरवी एडवोकेट उमाशंकर बिस्सा ने की।