कल चुनाव प्रचार का अंतिम दिन, शाम होते ही लग जाएगा रैली, जुलूस व आमसभा पर प्रतिबंध

प्रशासन राजनीति

कल शाम के बाद मतदान दिवस तक प्रत्याशी कर सकेंगे केवल डोर-टू-डोर जनसंपर्क

नागौर // विधानसभा आम चुनाव 2023 के तहत मतदान समाप्ति से 48 घंटे पूर्व प्रचार संबंधी समस्त गतिविधियों पर प्रतिबंध लग जाएगा। इसके तहत अब गुरूवार की शाम 6 बजे बाद रैली, जुलूस व आमसभा पर प्रतिबंध लग जाएगा। लाउडस्पीकर से भी प्रचार प्रतिबंध हो जाएगा। प्रत्याशी केवल डोर टू डोर जनसंपर्क कर सकेंगे। इस अवधि के दौरान डोर टू डोर संपर्क पर प्रतिबंध नहीं होगा, लेकिन 5 या 5 से अधिक व्यक्ति इकट्ठे नहीं हो सकेंगे। जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. अमित यादव ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए गए समय के साथ समाप्त होने वाले 48 घंटे की समय अवधि को साइलेंस पीरियड घोषित किया गया है। इसके तहत 23 नवंबर सायं 6 बजे से मतदान समाप्ति तक रैली, जुलूस, सार्वजनिक सभाओं व लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध रहेगा। लोक सुरक्षा हेतु दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत जारी प्रतिबंधात्मक आदेशों के क्रम में यह आदेश जारी किए गए हैं।

वाहनों से मतदाताओं के परिवहन पर रहेगी रोक

जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि राजनीतिक पार्टी एवं उम्मीदवारों द्वारा मतदान समाप्ति के 24 घंटे पूर्व से मतदान समाप्ति तक मतदाताओं को वाहनों से मतदान केद्रों तक लाने और ले जाने पर पूर्ण रूप से रोक लगाई गई है। साथ ही मतदान के दिन मतदान केंद्र के 100 मीटर के क्षेत्र में किसी भी प्रकार का प्रचार-प्रसार भी अनुमत नहीं होगा। चुनाव ड्यूटी में लगे पुलिस अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों के अतिरिक्त कोई भी व्यक्ति मतदान के दिन मतदान केंद्र से 200 मीटर की परिधि के अंदर मोबाइल फोन, सेल फोन या वायरलेस का उपयोग नहीं करेगा। चुनाव परिणाम के बाद विजय जुलूस पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। मतदान दिवस के दिन मतदान केंद्र के 100 मीटर के क्षेत्र में कोई राजनीतिक पार्टी, उम्मीदवार, व्यक्ति किसी भी प्रकार के विस्फोटक पदार्थ, रासायनिक पदार्थ, आग्नेय शस्त्र अस्त्र जैसे रिवाल्वर पिस्टल इत्यादि व छुरी, चाकू जैसे धारदार हथियार लेकर प्रवेश नहीं कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि यह आदेश सीमा सुरक्षा बल, राजस्थान सशस्त्र पुलिस, सिविल पुलिस होमगार्ड, सिक्योरिटी वाले व्यक्ति और कानून और व्यवस्था के संबंध में अपने पास हथियार रखने के लिए अधिकृत किए गए राज्य और केंद्र सरकार कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा। सिख समुदाय के व्यक्तियों को भी धार्मिक परंपरा के अनुसार निर्धारित कृपाण रखने की छूट दी गई है। आदेशों की अवहेलना भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत दंडनीय होगी।

बाहरी व्यक्तियों पर रखी जाएगी पैनी नजर

डॉ. अमित यादव ने बताया कि इस समयावधि में कोई भी राजनैतिक व्यक्ति, जो उस निर्वाचन क्षेत्र का मतदाता या अभ्यर्थी नहीं है, वह उस निर्वाचन क्षेत्र में नहीं ठहर सकता। राज्य की सुरक्षा कवच प्राप्त राजनैतिक व्यक्ति यदि सम्बंधित निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता है, तो वह अपने मताधिकार का उपयोग करने के बाद क्षेत्र में आवाजाही नहीं करेगा। जिला निर्वाचन अधिकारी यादव ने बताया कि समस्त सामुदायिक केन्द्रों, धर्मशालाओं, गेस्ट हाउस, लॉज तथा होटलों में ठहरने वाले व्यक्तियों की निगरानी व सत्यापन करने के निर्देश दिए गए हैं। बाहर से आने वाले वाहनों पर भी नजर रखी जा रही है।