भरतपुर के बंशी पहाड़पुर की खदानों से निकले पत्थरों से बना है राम मंदिर, मेडता के नरेश पारीक के प्रयासो से खनन हुआ था चालू
नागौर // अयोध्या के नव निर्मित राम मंदिर में खड़े नजर आ रहे ये शख्स है मेडता मूल के नरेश पारीक। राम मंदिर निर्माण में जो पत्थर लगे हैं उनके खनन की स्वीकृति दिलाने में उनके महत्वपूर्ण भूमिका रही है। अब राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आमंत्रित किए जाने के बाद नरेश पारीक अयोध्या पहुंच गए हैं। वे 23 जनवरी तक अयोध्या में ही रहेंगे।
दरअसल राजस्थान के भरतपुर जिले के रूपवास तहसील के बंसी पहाड़पुर क्षेत्र में लंबे समय से खनन बंद था। बताया जाता है कि इन बंशी पहाड़पुर की पहाड़ियों में निकलने वाला पत्थर उच्च गुणवत्ता पूर्ण होता है। यह पत्थर टिकाऊ होता है और इसकी बहुत उपयोगिता है मगर दो दशक पहले यह माइंस फॉरेस्ट विभाग के अधीन आ गई। ऐसे में सरकार ने यहां पर खनन कार्यों पर रोक लगा दी।नतीजतन, बंसी पहाड़पुर क्षेत्र के हजारों लोग जो खनन कार्यों से अपनी आजीविका चलाते थे वे बेरोजगार हो गए। इस और राज्य सरकार बिल्कुल ध्यान नहीं दे रही थी। यह मामला जब लघु उद्योग भारती के संज्ञान में आया तो आरएसएस के सह कार्यवाह कृष्ण गोपाल व लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री प्रकाश चंद्र ने इस कार्य के लिए मेड़ता सिटी के मूल निवासी व लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय सचिव नरेश पारीक को जिम्मेदारी सौंपी। पारीक ने लंबा प्रयास किया और राज्य व केंद्र के बीच एक कोऑर्डिनेटर की भूमिका निभाते हुए लगातार फाइलों को इधर से उधार लेकर घूमते रहे। कड़ी मशक्कत के बाद कोरोना काल के दौरान इस भूमि का उपयोग परिवर्तन किया गया और इसे फॉरेस्ट से खनिज विभाग को सुपुर्द कर दिया गया। इस तरह कृष्ण गोपाल व प्रकाश चंद्र की प्रेरणा से लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय सचिव व एमएसएमई सदस्य नरेश पारीक ने बंसी पहाड़पुर की खदानों को वापस शुरू कराया। जब राम जन्म भूमि पर भव्य राम मंदिर निर्माण की नींव रखी गई तो यह तय हुआ कि यहां पर भरतपुर के बंशी पहाड़पुर क्षेत्र की खदानों का ही पत्थर लगाया जाएगा और इस तरह पारीक की प्रयासों से यह माइंस चालू हुई और इस क्षेत्र के हजारों लोगों को वापस रोजगार मिला है। आज यह सौभाग्य की बात है कि पारीक के प्रयासों से ही राम मंदिर में लगा पत्थर बंशी पहाड़पुर क्षेत्र के खदानों का है इसलिए राम मंदिर ट्रस्ट ने पारीक को अयोध्या भी आमंत्रित किया। पारीक 18 जनवरी को ही अयोध्या पहुंच गए वह 23 जनवरी तक प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल रहने के लिए अयोध्या में रहेंगे। उन्होंने बताया कि लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री प्रकाश चंद्र भाई साहब व कृष्ण गोपाल जी की प्रेरणा से ही उन्होंने यह कार्य किया था इसलिए वे बंशी पहाड़पुर की खदानों को शुरू करने का श्रेय लघु उद्योग भारती को दे रहे हैं।