खींवसर में प्रस्तावित माइनिंग ब्लॉक के विरोध में उतरे किसान, प्रदर्शन कर कलेक्टर को दिया ज्ञापन

प्रशासन

नागौर // जिले के खींवसर तहसील में प्रस्तावित 51 माइनिंग ब्लॉक ( जोरावरपुरा,हरिपुरा,खोड़वा गांव) की ई नीलामी प्रक्रिया खान विभाग ने शुरू की है। इसके विरोध में क्षेत्र के किसान जिला कलेक्ट्रेट और खान विभाग नागौर पहुंचे। यहां पर दर्जनों किसानों ने खेत-खलियान हमारा।। नहीं चलेगा राज तुम्हारा।।” के नारों के साथ कलेक्ट्रेट पर विरोध प्रदर्शन किया। गौरतलब है कि ग्राम जोरावरपुरा, हरिपुरा और खोडवा में प्रस्तावित 51 लाइमस्टोन माइनिंग ब्लॉक की ई नीलामी प्रक्रिया शुरू की जा रही है। प्रस्तावित ब्लॉक में किसानों के लगभग 500 खसरे तथा लगभग 500 घर और ढाणी तथा पशुपालन प्रभावित होंगे जो गैर मुमकिन मंगरे में बने हैं और वर्षों से निवास कर रहे हैं।
इनमें से लगभग 100 परिवार के पास जमीन भी नहीं है और गैर मुमकिन मंगरा में ढाणी बनाकर वर्षों से निवास कर रहे हैं तथा राजस्व विभाग द्वारा नियम 91 में टीपी भी लगी है। इस क्षेत्र में लगभग 100 ट्यूबवेल भी है

भारतीय किसान यूनियन टिकैत के जिला अध्यक्ष अर्जुनराम लोमरोड ने बताया कि इन 500 परिवारों का रोजी-रोटी रोटी का एकमात्र साधन कृषि और पशुपालन है अगर इस तरह अचानक इन घरों को बेघर कर दिया जाता है तथा उनके हितों की रक्षा नहीं की गई तो क्षेत्र के सभी किसान इनका साथ देंगे। यूनियन के मीडिया प्रभारी रामपाल धौलिया ने सरकार से मांग रखी की जल्द से जल्द ब्लॉकों का स्पष्टीकरण दे जैसे- किसानों को जमीन का कितना मुआवजा दिया जाएगा,कब दिया जाएगा गैर मुमकिन मगरे में बनी ढाणियों तथा पशुओं के बाड़े,पेड़ पौधों इत्यादि का किस प्रकार से मुआवजा तय किया जाएगा। पूर्व सरपंच अनदाराम रलिया ने बताया कि नीलामी में किसानो को 20% वेटेज दिया जाए ताकि सरकार की मंशा के अनुरूप छोटे किसान और उद्यमी और स्वयं किसान भी भाग ले सकें ।
ब्लॉकों का नक्शा इस प्रकार करें कि एक किसान का खसरा पूरा एक ब्लॉक में लिए ज़ाए ताकि किसानों को भाग लेने में आसानी रहेगी। एक बड़ा ब्लॉक 112 हेक्टर का प्रस्तावित है जिसको भी छोटे टुकड़ों में किया जाए। इसमें सबसे ज्यादा अनुसूचित जाति के लोग बे-घर होंगे

यह रहे मौजूद
कलेक्टर कार्यालय ज्ञापन देने पहुंचे किसानों में मनोहर डूकिया, बलदेवराम बुगासरा, गोपाल डूकिया, रेवतराम रलिया, रविन्द्र , लिचमनसिंह, रामचंद्र नायक, हरीराम डूकिया,सैकड़ो किसान और मजदूर मौजूद रहे।