अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर वॉक विद साड़ी’ की थीम पर वॉकथाॅन आयोजित

प्रशासन

प्रेरक महिलाओं को दिया यशोदा पुरस्कार

बीकानेर // अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर शुक्रवार को जिला प्रशासन एवं महिला अधिकारिता के संयुक्त तत्त्वावधान में ‘वॉक विद साड़ी’ थीम पर वॉकथाॅन आयोजित हुआ। वॉकथाॅन को महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित, संभागीय आयुक्त वंदना सिंघवी, जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि एवं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की बीकानेर एम्बेसडर वेदिका शर्मा ने कलेक्ट्रेट परिसर से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। कार्यक्रम में महिला दिवस की शुभकामनाएं देते हुए महापौर श्रीमती सुशीला कंवर राजपुरोहित ने कहा कि महिलाओं और बालिकाओं को अवसर प्रदान करें।‌ यही उनके सशक्तीकरण में असली‌ योगदान है।
इस अवसर पर संभागीय आयुक्त वंदना सिंघवी ने कहा कि आज महिला
सशक्त हो कर समाज में बदलाव ला रही हैं। अपनी मेहनत से हर क्षेत्र में लोहा मनवा रही है।
जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि ने कहा कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में कम नहीं है। शिक्षा, विज्ञान, कृषि, तकनीक एवं अंतरिक्ष में महिलाओं ने अपनी पहचान बनाई हैं। उन्होंने कहा कि दृढ़ इच्छा शक्ति से कठिन से कठिन कार्यों को संभव किया जा सकता हैं।
पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने कहा कि महिलाओं को आगे बढ़ाने की शुरुआत घर से ही करनी चाहिए। ऐसा कोई काम नहीं है जो महिलाएं नहीं कर सकती है इसके लिए केवल हौंसला अफजाई की जरूरत है।
महिला अधिकारिता विभाग की उप निदेशक डॉ अनुराधा सक्सेना ने सभी को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं दी तथा कार्यक्रम की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी।
वॉकथॉन जिला कलक्टर कार्यालय से गांधी पार्क तक आयोजित किया गया। समापन अवसर पर महिलाओं के सम्मान एवं पुरस्कार वितरण का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया ।
इस रैली में लगभग 400 महिलाओं की भागीदारी रही। जिसमें महारानी सुदर्शन कॉलेज की व्याख्याताएं एवं महिला एवं बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षक, महिला अधिकारिता विभाग की महिला कार्मिक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, नर्सिंग कार्मिक, पुलिस विभाग की शक्ति टीम सहित गैर सरकारी संस्थाओं की महिलाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।
वॉकथॉन इन साड़ी में वरिष्ठतम वर्ग में भंवरी देवी जांगिड़ तथा सबसे कम उम्र की बालिका ऋषिका प्रथम रहीं।दोनों विजेताओं को पुरस्कृत किया गया । महिला एवं बाल विकास विभाग में उत्कृष्ट सेवाएं देनी वाली
कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को भी यशोदा पुरस्कार से सम्मानित किया गया।