माँ आशापुरा की सजीव झांकी देखने उमड़ा जनसैलाब, चरण स्पर्श की होड़ मची

धर्म-कर्म

बिस्सों के चौक में भक्त पूरणमल की रम्मत का शानदार मंचन, पूरी रात जुटे रहे शहरवासी

बीकानेर // पुराने शहर के परकोटे में इन दिनों होली का रंग परवान चढ़ चुका है। होलकाअष्टमी के पहले दिन नत्थूसर गेट के अंदर बारहगुवाड़ रोड पर फक्कड़ दाता की रम्मत हुई। उसके बाद बीती रात बिस्सों के चौक में भक्त पूरणमल रम्मत की शानदार प्रस्तुति दी गई जिसे देखने शहर वासी उमड़ पड़े।

रम्मत शुरू होने से पहले पोकरण की देवी मां आशापुरा की सजीव झांकी निकाली गई। मंगलवार रात ठीक 12 बजे नन्हे बालक कुलवीर बिस्सा मां आशापुरा के स्वरूप में जैसे ही मंच पर आए तो पूरा क्षेत्र मातारानी के जयकारों से गूंजने लगा। उसके बाद मां आशापुरा की झांकी के एक घण्टे तक दर्शन हुए। इस दौरान विभिन्न भजनों में खूब नृत्य हुए। श्रद्धालुओ में मां आशापुरा के चरण स्पर्श की होड़ मच गई।

सड़क से लेकर मकानों की छत्ते भी रही ठसाठस

बिस्सो के चौक में 12 बजे से 2 बजे मध्य रात्री तक पांव रखने की जगह नही मिली। इस दौरान मां आशापुरा के प्रसाद चढ़ाने व वापिस प्रसाद पाने की भी होड़ मची रही। 2 बजे बाद भक्त पूरणमल की रम्मत का मंचन शुरू हुआ जो गुरुवार सुबह 10 बजे तक निर्बाध चला। इस रम्मत की यह विशेषता है कि यहां पर तिल रखने की जगह नहीं मिलती। रात 12 बजे से लेकर 2 बजे तक चौक में सड़क से लेकर मकान की छत्ते भी श्रद्धालुओं से ठसाठस भरी रही।

कृष्ण कुमार बिस्सा ने निभाया भक्त पूरणमल का किरदार

विश्व में चौक में भक्त पूरणमल रम्मत के मंचन में सबसे मुख्य पात्र कृष्ण कुमार बिस्सा थे। बिस्सा पिछले 45 सालों से लगातार मुख्य किरदार निभाते आ रहे हैं। भक्त पूरणमल का किरदार भी हमेशा की भांति उन्होंने ही निभाया। मुख्य पात्र कृष्ण कुमार मिश्रा ने बताया कि यह पंजाब के राजा शंखपति और उनकी पहली पत्नी अंबादे वह दूसरी नव यौवना पत्नी फूलनदे और उसके बेटे पूरणमल पर आधारित कहानी है जिसका यहां पर वर्षों से मंचन किया जा रहा है। राजा शंखपति जब फूलनदे को स्वयंवर में ब्याह कर लाता है तो उस रानी का दिल शंखपति की पहली पत्नी अम्बादे के बेटे पूरणमल पर आ जाता है और फिर जो द्वंद दोनों में होता है इसका मंचन यहां किया गया।

ये थे पात्र और कलाकार

आशापुरा माताजी के रूप में बालक कुलवीर बिस्सा ने शानदार अभिनय किया।  इसके अलावा ये पात्र मुख्य रूप से थे।

1. श्री कृष्ण कुमार बिस्सा-

पूरनमल

2. श्री इन्द्र कुमार बिस्सा-

कवि

3. श्री मनोज कुमार व्यास-

फूलन्दे

4. श्री विकास पुरोहित-

अम्बादे

5. श्री गोविन्द गोपाल बिस्सा-

शंखपति

6. श्री रविन्द्र बिस्सा-

यार

7. श्री विष्णु दत्त बिस्सा-

बांदी

8. श्री प्रेम रतन गहलोत –

औघड़नाथ

9. श्री महेन्द्र बिस्सा-

गोरखनाथ

10. श्री मनीष व्यास-

नगाड़ा वादक

रम्मत में सहयोगी

इस रम्मत के मंचन के दौरान रामकुमार बिस्सा, बलदेवदास बिस्सा, जनार्दन कल्ला, कन्हैयालाल कल्ला,  कुंज बिहारी कल्ला, योगेश बिस्सा, लूणाराम,  डी.के. कल्ला, विजय कुमार व्यास, विष्णु कुमार बिस्सा, अविनाश बिस्सा, सुरज किशोर बिस्सा ने विशेष सहयोग किया।