साहित्य अकादेमी का बाल साहित्य पुरस्कार प्रहलाद सिंह झोरड़ा को

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नागौर // साहित्य अकादेमी नई दिल्ली की ओर से प्रतिवर्ष दिये जाने वाले बाल साहित्य पुरस्कारों की शनिवार को घोषणा हुई। वर्ष 2024 का राजस्थानी भाषा का साहित्य अकादेमी बाल साहित्य पुरस्कार नागौर के कवि प्रहलाद सिंह झोरड़ा को देने की घोषणा की गई है। अकादेमी की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार कवि प्रहलाद सिंह झोरड़ा को उनकी राजस्थानी बाल कविता पोथी ‘म्हारी ढाणी’ पर यह पुरस्कार प्रदान किया जायेगा। पुरस्कार स्वरूप एक उत्कीर्ण ताम्रफलक व 50,000 रुपये की राशि भेंट की जायेगी।

इस पुरस्कार हेतु प्रहलाद सिंह झोरड़ा का चयन अनुराग हर्ष, डाॅ. मंगत बादल व डाॅ. रेणुका व्यास के संयुक्त निर्णायक मंडल ने किया।

वरिष्ठ साहित्यकार लक्ष्मण दान कविया ने बताया कि प्रहलाद सिंह झोरड़ा राजस्थानी के सुप्रसिद्ध कवि हैं और राउमावि मकोड़ी में वरिष्ठ अध्यापक पद पर कार्यरत है। आपकी राजस्थानी में ‘रंगरूड़ौ मरुदेश’ नाम से कविता संग्रह और ‘म्हारी ढाणी’ नाम से बाल कविता संग्रह पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है । आपकी ‘चाँद खिलौना’ नाम से चर्चित हिन्दी बाल गीत पुस्तक भी प्रकाशित हो चुकी है।

नागौर के साहित्यकार एवं अकादेमी के बालसाहित्य पुरस्कार से सम्मानित पवन पहाड़िया ने बताया कि प्रह्लाद सिंह कवि होने के साथ साथ अच्छे मंचीय गीतकार हैं, जिन्होंने राजस्थान लिटरेचर फेस्टिवल जोधपुर, कोटा दशहरा मेला, राजस्थान फाउण्डेशन मुम्बई, आकाशवाणी, दूरदर्शन सहित देश प्रदेश के अनेक मंचों पर राजस्थानी गीतों के माध्यम से धूम मचाई है। मधुरकंठ से जब वे गीत प्रस्तुत करते है तो सभामण्डल मुग्ध होकर सुनता है।

इस अवसर पर साहित्यकार डॉ. गजादान चारण ने पुरस्कृत कृति ‘म्हारी ढाणी’ की बाल कविताओं पर अपनी राय रखते हुए कहा कि इस संग्रह की कविताएं बालमनोविज्ञान से जुड़ी प्रेरक रचनाएं हैं, जो बालगोपालों को संस्कारित करने के साथ ही वर्तमान युग की चाल से परिचित करवाती हैं। ये कविताएं अपने बाल पाठक को गांव-ढाणी से निकलकर अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचने की राह दिखाती है। खास बात यह है कि कवि ने आसमान में उड़ने की चाहत के साथ ही धरातल से जुड़ाव को सदैव याद रखने का संदेश इस गीतों-कविताओं में दिया है।
इस अवसर पर प्रहलाद सिंह झोरड़ा को पुरस्कार घोषित होने पर हेमन्त चंडीदान उज्जवल, राजेन्द्र सिंह नांधू, सत्यपाल सांदू, सुखदेव सिंह गाडण, जेके चारण, बिसन सिंह कविया, सांवल दान कविया, सत्येंद्र झोरड़ा आदि ने बधाइयाँ संप्रेषित करते हुए खुशी जाहिर की।