कोलकाता में युवा शास्त्रीय गायन वादन संगीत समारोह में बीकानेर के कलाकारों ने छोड़ी अपनी अनूठी छाप

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बीकानेर के हवेली संगीत के पुरोधा प. नारायण दास रंगा के नेतृत्व में उनके शिष्यों ने दी शानदार प्रस्तुतियां

कोलकाता-बीकानेर // कोलकाता के भारतीय भारतीय विद्या मन्दिर के बैनर तले दो दिवसीय ” युवा शास्त्रीय गायन-वादन संगीत समारोह 19 अप्रैल को शुरू हुआ। इसमें पहले ही दिन बीकानेर के नामचीन हवेली संगीत के पुरोधा प. नारायण दास रंगा के नेतृत्व में उनके शिष्यों ने अष्टछाप हवेली संगीत से जुड़े अनेक पद विभिन्न राग रागनियों में गाकर कलाप्रेमियों को अभिभूत कर दिया। इस दो दिवसीय संगीत समारोह में बीकानेर की शास्त्रीय संगीत कला मन्दिर, पं जसराज अकेडमी-बॉम्बे, कलकता की भी अकेडमी से जिसमें 8 से 25 साल के युवा जो पिछले 4 से 5 साल से अपने अपने गुरुजनों से संगीत शिक्षा लेकर गाने बजाने में मंच पर परफॉमेंस करने में निडरता से गा बजा लेते है उनको मौका दिया गया है। पहले दिन धर्मतल्ला में आयोजित इस समारोह बीकानेर के कलाकारों के नाम रहा। यहां हवेली संगीत के मर्मज्ञ विद्वान पं. नारायण रंगा के नेतृत्व में “हवेली संगीत”ध्रुपद-धमार “अष्टछाप कवियों के हवेली कीर्तन पद गाए गए जिसमें कोलकातावासी झूम उठे। रंगा ने बताया कि इस आयोजन बीकानेर से मेरी अकेडमी से 4 छात्राऐं – कु -अक्षरा पुरिहित, कु -जया व्यास, पूजा शर्मा, व कु- शिवन्या आचार्य 8 कीर्तन पद गाकर 1-30 घंटे का प्रोग्राम की प्रस्तुति दी। इस अवसर पर तबला संगत-धीरज कुमार पुरोहित व झाँझ ताल संगत- दामोदर तँवर ने की। अब 20 मई को भी बीकानेर के कलाकारों को मौका दिया जाएगा।

ये पद संगीत के साथ समवेत स्वरों में गाए गए

1- मँगल गोपी मँगल ग्वाल मँगल हैं यशोदा जी रो लाल (मँगला आरती)
2-सुनोरी आज नवल बधायो हैं (महाप्रभु श्री बलभ्भाचार्य जी की बधाई)

3-बाजत बधाईयाँ वे सैंया नन्द दे दरबार(जन्माष्टमी बधाई) नागरीदास
4-कहन लगे मोहन मैया-मैया(बाललीला का पद)
5- हरि आयो,हरि आयो,आयो बृज रो वासी आयो,ब्रज वेद बदत बरसानों(ब्याह का त्तालोटा)
6-हो हो जमुना किनारे,झिलमिल करे तारे,जहाँ बाँसुरी बजाये यशोदा का लड़का,जिसे सुन-सुन राधाजी कस दिल धड़का(महारास)
7– मैं तो छिप गई लाज की मारी, आवत मोरी गलियन में गिरधारी।
8-रानी तेरो चिरजियो गोपाल (आशीष का पद)
9-आजा साँवरिया गिरधारी, मैं तो विनती कर-कर हारी(झूला)
10– भरोसे दृढ़ इन चरणन करो( आश्रय का पद)