मातृशक्ति को बालक और बालिकाओं के संस्कार के लिए विशेष प्रयास करने होंगे- गिरधारी लाल

शिक्षा समाज

नागौर // शारदा बाल निकेतन उच्च माध्यमिक नागौर में आज मातृ सम्मेलन का आयोजन किया गया l कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉक्टर सुलोचना शर्मा असिस्टेंट प्रोफेसर मिर्धा कॉलेज, मुख्य वक्ता विभाग प्रचारक गिरधारी लाल रहे कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के जिला अध्यक्ष हरिराम धारणिया ने की अतिथियों ने दिव्य चित्रों के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सुलोचना शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि मां बालक की प्रथम गुरु होती है, मां ही बालकों में संस्कार भरती हैं। मां ही बालक की हर आवश्यकता को पूरा करती है वह शारीरिक, मानसिक सब प्रकार से सदैव बालक की सहायता करने के लिए तत्पर रहती है। उन्होंने कहा कि हमें पुत्र-पुत्री में भेदभाव नहीं करना चाहिए दोनों को समान रूप से प्रोत्साहित करना चाहिए। पूर्व छात्र परिषद् राजस्थान क्षेत्र के संयोजक शरद कुमार जोशी ने कार्यक्रम को रोचक बनाने के लिए प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता गिरधारी लाल ने कहा कि मातृ शक्ति का सानिध्य बालकों को सबसे अधिक मिलता है इसलिए बालकों के संस्कारों के विकास की भूमिका भी नारी शक्ति अधिक है। वर्तमान में संस्कारों की कमी के कारण उसका प्रभाव समाज पर भी पड़ रहा है। विश्व में सबसे श्रेष्ठ परिवार व्यवस्था भारत की ही है। शिक्षा, भाषा, संस्कृति सब क्षेत्र में भारत सदा से ही श्रेष्ठ रहा है, लॉर्ड मैकाले की शिक्षा प्रणाली ने हमारी शिक्षा व्यवस्था को चौपट कर दिया अब हमें उसमें सुधार करना होगा। मातृशक्ति को बालक और बालिकाओं के संस्कार के लिए विशेष प्रयास करने हैं जिससे हम एक संस्कारवान पीढ़ी तैयार कर सकें। देश का प्रत्येक बालक श्रेष्ठ नागरिक बने जिससे हमारे देश का भविष्य कर्तव्यनिष्ठ पीढ़ी के हाथों में सुरक्षित रहे। वर्तमान में संताने अपने बड़ों का सम्मान नहीं करती एकांकी जीवन जीने लगी हैं जिससे समाज में नकारात्मक दृष्टिकोण फैल रहा है। जो समाज के लिए घातक है। बालक के संपूर्ण विकास के लिए मातृशक्ति अभिभावक और शिक्षक मिलकर प्रयास करना होगा। शैक्षिक प्रमुख रामप्रसाद कासनिया ने अतिथियों का परिचय व स्वागत करवाया। अरविंद बोड़ा ने विद्यालय का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
हरिराम धारणिया ने सभी का आभार प्रकट किया। इस अवसर पर गेनाराम गुरु, कमला चारण, मोना व्यास, रुद्र कुमार शर्मा, रामसिंह राठौड़, घासीराम, सभी आचार्य बंधु व मातृ शक्ति उपस्थित रही।